बूँदें. (सुलभभारती कक्षा-पाचवी)
रिमझिम रिमझिम गाती बूँदें,
धरती पर हैं आती बूँदें ।
खेतों, बागों, मैदानों में,
हरियाली फैलातीं बूँदें ।
धरती से नालों, नदियों में,
सागर में मिल जातीं बूँदें ।
गरमी से तपते लोगों को,
शीतलता पहुँचातीं बूँदें ।
मेंढक, मोर, पपीहे, कोयल,
सबका मन हरषातीं बूँदें ।
पुरवाई के रथ पर चढ़कर,
इठलातीं, मुसकातीं बूँदें ।
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